पाकिस्तान पर रहम के मूड में नहीं है भारतीय सेना, देखना है कब तक दर्द झेल सकता है पड़ोसी मुल्क

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नई दिल्ली: भारत किसी भी हालात में पाकिस्तान पर दबाव बनाने की अपनी नीति को फिलहाल नहीं छोड़ेगा. जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेना रणनीतिक अभियान और आक्रामक रुख के जरिए पाकिस्तान पर हावी होने की अपनी योजना बरकरार रखेगी, बावजूद इसके कि दोनों ओर से हो रही गोलीबारी में सीमा रेखा के नजदीक रहने वालों को काफी नुकसान उठाना पड़ा रहा है. इतना ही नहीं एलओसी से सटे दोनों ओर के (भारत और पाकिस्तान के) गांव भी खाली हो गए हैं.

भारतीय सुरक्षा को यह मानकर स्थापित किया गया है कि पाकिस्तानी सेना के ऊपर लगातार दवाब बनाए रखना है, जबतक कि वह प्रत्यक्ष तौर पर झुकने अथवा शांत होने की मुद्रा में नहीं आता. दूसरे शब्दों में कहें तो सीमा पर से होने वाली आतंकी गतिविधियों के रुकने तक भारतीय सेना अपना अभियान जारी रखेगी.

एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार (9 मार्च) को कहा, ‘देखते हैं कि पाकिस्तान कितनी देर तक जो कि साफ तौर पर दर्द सह रहा है, दबाब को झलने में सक्षम है. हम पाकिस्तान के साथ आमने-सामने बैठकर किसी भी डीजीएमओ स्तर की वार्ता या फिर दोस्ताना माहौल के लिए अब तैयार नहीं हैं.’

वहीं दूसरी ओर डोकलाम गतिरोध के आठ महीने बाद सरकार ने ‘‘विशेष’’ पेंशन योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें चीन-भारत सीमा की रक्षा के दौरान अपनी जान गंवाने वाले या घायल होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों को शामिल कर लिया है, लेकिन पूर्व के प्रभाव से लागू करने की सेना की पुरानी मांग को स्वीकार नहीं किया है.

उदार पारिवारिक पेंशन पाकिस्तान के साथ लगी नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए ही लागू होती थी. इस पेंशन के तहत अंतिम वेतन का 100 फीसदी दिया जाता है. सामान्य परिस्थितियों में अंतिम वेतन का सिर्फ 30 फीसदी हिस्सा ही पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलता है.

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