नई दिल्ली : जम्मू और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को तेज करने के लिए पाकिस्तानी आतंकियों ने एक बार फिर घुसपैठ की कोशिशें तेज कर दी हैं. ऐसी ही एक कोशिश 14-15 मई की रात जम्मू के हीरा नगर इलाके में आने वाले मंगुचक पोस्ट से की गई. घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने के लिए बीएसएफ के जवानों द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई. घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान बीएसएफ के एक जवान की आंख में गोली लग गई, जिसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान बीएसएफ का जवान शहीद हो गया. शहीद जवान की पहचान कांस्टेबल देवेंद्र कुमार के रूप में हुई है.
बीएसएफ की चेतावनी पर आतंकियों ने शुरू की ताबड़तोड़ फायरिंग
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारत-पाक सीमा पर निगरानी रखने के लिए हीरा नगर इलाके के अंतर्गत आने वाली मंगुचक पोस्ट पर बीएसएफ की 173वीं बटालियन को तैनात किया गया है. 14-15 मई की रात पोस्ट पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने भारत-पाक सीमा पर लगी फेंसिंग के पास कुछ गतिविधि देखी. बीएसएफ के जवानों को अंदेशा हो गया कि पाकिस्तान से आतंकी भारतीय सीमा पर घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे है. ‘नो मैंस लैंड’ पर मौजूद इन आतंकियों को चेतावनी देने के लिए बीएसएफ के जवानों ने कुछ राउंड फायर किए. जिसके जवाब में ‘नो मैंस लैंड’ पर मौजूद आतंकियों ने बीएसएफ के जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी.
मुठभेड़ के दौरान बीएसएफ जवान की आंख में लगी गोली
जिसके बाद आस-पास की पहाड़ियों से बीएसएफ की दूसरी टुकड़ियों ने भी इन आतंकियों को मुंहतोड़ जबाब देना शुरू कर दिया. अपने मंसूबे नाकाम होता देख आतंकी बुरी तरह से बौखला गए. जिसके बाद उन्होंने बीएसएफ की टुकड़ियों पर बस्ट फायर करना शुरू कर दिया. इसी दौरान एक गोली बीएसएफ के कांस्टेबल देवेंद्र की आंख में आ लगी. मौके पर मौजूद बीएसएफ की टीम ने तत्काल कांस्टेबल देवेंद्र को समीपवर्ती अस्पताल में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान कांस्टेबल देवेंद्र देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देते हुए शहीद हो गए.
आतंकियों की तलाश में पूरे इलाके की घेराबंदी
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मुठभेड़ की जानकारी मिलते ही अतिरिक्त सुरक्षा बल को मौके लिए रवाना कर दिया गया था. बीएसएफ के जवानों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है. पाकिस्तान से घुसपैठ कर आए आतंकियों की धरपकड़ के लिए सर्च अभियान चलाया गया है. इसके अलावा, सीमा के समीपवर्ती गांवों में मुखबिरों को एक्टिव कर दिया गया है. जिससे घुसपैठियों को किसी भी गांव में आसानी से पनाह न मिल सके. आतंकियों की तलाश के लिए सेना के हेलिकॉप्टर की मदद भी ली जा रही है.
















