नई दिल्ली: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शनिवार (10 मार्च) को कहा कि फ्रांस, भारत का सबसे बेहतरीन साझेदार देश और यूरोप में भारत के प्रवेश का बिंदु होना चाहिए. मैक्रों भारत के चार दिवसीय दौरे पर शुक्रवार (9 मार्च) को नई दिल्ली पहुंचे थे. इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) सम्मेलन की सह अध्यक्षता करेंगे. मैक्रों ने कहा कि इस दौरे के उनके तीन उद्देश्य हैं. उन्होंने राष्ट्रपति भवन में अपने औपचारिक स्वागत के बाद संवाददाताओं को बताया कि उनका पहला उद्देश्य रक्षा, अनुसंधान एवं विज्ञान, विशेष रूप से युवा, उच्च शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी का नया युग शुरू करना है.
मैक्रों ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि क्योंकि आतंकवाद के संदर्भ में दोनों देशों के बीच कई सामान्य चुनौतियां और साझा जोखिम हैं.” उन्होंने कहा, “इस यात्रा का दूसरा उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (सम्मेलन) का आयोजन करना है.” उन्होंने कहा,, “तीसरा उद्देश्य यह संदेश देना है कि फ्रांस विशेष रूप से यूरोप में भारत का बेहतरीन साझेदार देश और यूरोप में प्रवेश का बिंदु होना चाहिए.”
इसके बाद शनिवार को ही मोदी और मैक्रों एक द्विपक्षीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जिसके बाद कई क्षेत्रों में समझौते होने की संभावना हैं. मोदी और मैक्रों शनिवार (10 मार्च) को आईएसए सम्मेलन की सह अध्यक्षता करेंगे, जिसे मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रति फ्रांस्वा ओलांद ने 2015 में पेरिस जलवायु सम्मेलन के दौरान शुरू किया था.










